November 21st, 2025

2:30 PM

4:00 PM

द ल्यूमिनरी आइकॉन्स: रचनात्मक बंधन और ज़बरदस्त अभिनय - अभिनय पर एक संवादात्मक कार्यशाला

दो प्रतिष्ठित कलाकार, खुशबू सुंदर और सुहासिनी मणिरत्नम, प्रभावशाली अभिनय के लिए आवश्यक रचनात्मक केमिस्ट्री और तीव्रता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अभिनय की सूक्ष्म गतिशीलता की खोज करते हुए, अपने पेशेवर ज्ञान को साझा करेंगी। यह सत्र सिनेमाई उत्कृष्टता के पीछे छिपे अनकहे बंधनों और प्रबल प्रतिबद्धता पर गहराई से चर्चा करेगा। यह महत्वाकांक्षी कलाकारों को सिनेमा में अपने सफ़र और अनुभवों पर चर्चा करते हुए अनुभवी अभिनेताओं की तकनीकों और सहयोगात्मक भावना पर एक अमूल्य नज़र डालने का अवसर प्रदान करता है।

November 22nd, 2025

2:30 PM

4:00 PM

'यूरेशियन फेस्टिवल फ्रंटियर : "क्या हमें ए.आई. की दुनिया में सिनेमा को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता है?", सुश्री ट्रिशिया टटल (फेस्टिवल डायरेक्टर बर्लिनेल ) एवं श्री शेखर कपूर (फेस्टिवल डायरेक्टर इफ्फी ) के बीच एक संवाद सत्र

इस अंतर्राष्ट्रीय संवाद में दुनिया के सबसे प्रभावशाली फिल्म समारोहों की हस्तियों के रचनात्मक दृष्टिकोणों का संगम होगा: बर्लिनले की महोत्सव निदेशक सुश्री ट्रिशिया टटल और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के महोत्सव निदेशक फिल्म निर्माता श्री शेखर कपूर। इस चर्चा में फिल्म निर्माण, कहानी कहने, वितरण और तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में फिल्म समारोहों के भविष्य पर एआई के प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।

November 22nd, 2025

4:30 PM

6:00 PM

श्वास एवं भावना : रंगमंच गुरु श्री विनयकुमार आदिशक्ति द्वारा प्रस्तुतियों पर एक मास्टरक्लास

गुरु वीणापाणि चावला और विनयकुमार के मार्गदर्शन में, आदिशक्ति ने भावनाओं और मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति को उत्तेजित करने के लिए एक विशुद्ध भौतिक कला विकसित की है। चूँकि श्वास विचार और भावना की भौतिक अभिव्यक्ति है, इसका तात्पर्य यह है कि प्रत्येक भावना मानव शरीर में श्वास के कुछ विशिष्ट पैटर्न द्वारा नियंत्रित होती है। आयुर्वेदिक प्रथाओं से लेकर कूडियाट्टम प्रदर्शनों तक, तंत्रिका जीव विज्ञान से लेकर गणित तक, सर्कैडियन घड़ी से लेकर अंतरिक्ष और समय तक जैसी प्राचीन ज्ञान प्रणालियों से प्रेरित होकर, इस सत्र का उद्देश्य जीवन और प्रदर्शनों में मानवीय भावनाओं की शारीरिक रचना से परिचित कराना है।

November 23rd, 2025

4:30 PM

6:00 PM

लता मंगेशकर स्मृति वार्ता: भारत की लय: हिमालय से दक्कन तक

यह सत्र भारत कोकिला, लता मंगेशकर को एक भावपूर्ण वार्षिक श्रद्धांजलि है। इस वर्ष का सत्र विशाल भारद्वाज और बी. अजनीश लोकनाथ के बीच एक अंतर-सांस्कृतिक संगीत संवाद है, जो भारत के विशाल संगीत परिदृश्य की खोज करता है। हिमालय से दक्कन तक फैले हिंदुस्तानी, कर्नाटक, लोक, पॉप और भारतीय संगीत के प्रभावों को आत्मसात करते हुए, ये प्रसिद्ध संगीतकार 'ठीक नहीं लगता' से 'कंतारा' तक के अपने सफ़र के ज़रिए संगीत की भावपूर्ण एकरूपता को समझाते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

November 23rd, 2025

11:30 AM

1:00 PM

हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है !

यह मास्टरक्लास व्यक्तिगत अनुभव और भावनात्मक सत्य का उपयोग करके प्रामाणिक और प्रभावशाली ऑन-स्क्रीन प्रदर्शन बनाने की प्रक्रिया पर केंद्रित है। इसमें आवाज़, शारीरिक भाषा और सीन वर्क पर व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं, जिससे अभिनय की अनुशासनात्मक कला और फिल्म की आवश्यकताओं के बीच सेतु स्थापित किया  जा सके।

November 23rd, 2025

2:30 PM

4:00 PM

स्वतंत्र सिनेमा के माध्यम से एक वैश्विक भारत : एक महिला पैनल

यह पैनल समकालीन वैश्विक सिनेमा, विशेष रूप से स्वतंत्र फिल्म उद्योग में महिलाओं की अभिन्न और विकासशील भूमिकाओं पर चर्चा करता है। यह चर्चा महिला फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं और तकनीशियनों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण विषयगत और रचनात्मक योगदान पर प्रकाश डालती है। स्वतंत्र सिनेमा का विश्लेषण करके, यह पैनल दर्शाता है कि कैसे महिलाएँ पारंपरिक प्रस्तुतियों से आगे बढ़कर, अधिक सूक्ष्म, विविध और वैश्विक रूप से गूंजने वाले आख्यानों को सक्रिय रूप से आकार दे रही हैं।

November 24th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

मस्तिष्क से पर्दे तक : दृष्टि से निष्पादन तक - संपादन कार्यशाला

यह कार्यशाला पोस्ट-प्रोडक्शन की कला और तकनीकी प्रक्रिया में गहराई से उतरती है, यह बताती है कि निर्देशक की कच्ची दृष्टि को एक परिष्कृत और प्रभावशाली अंतिम कट में कैसे बदला जाए। यह सत्र सॉफ़्टवेयर के तकनीकी कौशल के साथ-साथ दृश्य कहानी कहने के रचनात्मक सिद्धांतों — गति, लय और भावनात्मक प्रवाह — पर केंद्रित है।

November 25th, 2025

2:30 PM

4:00 PM

लेंस के माध्यम से : हर फ्रेम में भावना गढ़ना

यह सत्र कैमरे के संचालन की तकनीकीताओं को समझकर दृश्य प्रभाव को बढ़ाने की कला को समर्पित है। इसमें बताया गया है कि सिनेमैटोग्राफर प्रकाश, रंग, रचना और लेंस चयन जैसे मूल दृश्य तत्वों का उपयोग करके भावनाओं को कैसे आकार देते हैं। प्रतिभागी सीखेंगे कि हर फ्रेम को कथा उपकरण के रूप में कैसे उपयोग किया जाए ताकि फिल्म का मूड, पात्र की दृष्टि और विषयगत संदेश प्रभावी रूप से प्रस्तुत हो सके।

November 25th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

एल्गोरिथ्म से परे : ए.आई. की दुनिया में सिनेमा का मानवीय हृदय

फिल्म निर्माण के भविष्य में एआई बनाम मानवीय भावना और रचनात्मकता की भूमिका इस सत्र का उद्देश्य होगी। यह इस बात पर गहराई से विचार करेगा कि सिनेमा की मूल मानवता, एल्गोरिथ्म आधारित सामग्री स्वचालन का कैसे विरोध करती है। तेजी से ए.आई.-संचालित मीडिया परिदृश्य में कहानीकारों के लिए चुनौतियों और अवसरों को जानने के लिए साक्षत्कार सत्र में शामिल हों, तकनीकी बदलावों के बावजूद सिनेमा की आत्मा को संरक्षित करने पर चर्चा।

November 26th, 2025

2:30 PM

4:00 PM

कॉस्ट्यूम और कैरेक्टर आर्क : सिनेमा के ट्रेंडसेटर्स

यह चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि कॉस्ट्यूम डिज़ाइन कैसे किसी पात्र की भौतिक और भावनात्मक दुनिया को बनाता है और कहानी में उसके परिवर्तन को दर्शाता है। इसमें यह विश्लेषण किया गया है कि डिज़ाइनर किस तरह सोच-समझकर चयन करते हैं जिससे कहानी कहने की शक्ति बढ़ती है।

November 26th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

अँगूठे से आगे : फिल्म समीक्षक की भूमिका – गेटकीपर, प्रभावशाली या कुछ और?

यह चर्चा इस बात की पड़ताल करती है कि त्वरित समीक्षाओं और यूज़र जनरेटेड सामग्री के इस युग में एक फिल्म समीक्षक की वास्तविक भूमिका क्या है। क्या वह अब भी गुणवत्ता के संरक्षक हैं, या केवल प्रभावशाली व्यक्ति जो दर्शकों की राय को दिशा देते हैं, या उनका मूल्य किसी और रूप में है? यह चर्चा समीक्षक की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करती है, दर्शकों की गहन भागीदारी और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

November 26th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

संपूर्ण वीएफएक्स प्रोडक्शन की विशालता - वीएफएक्स के जादूगर पीट ड्रेपर द्वारा एक मास्टरक्लास!

वीएफएक्स के उस्ताद पीट ड्रेपर प्री-प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट-प्रोडक्शन तक, पूरे विजुअल इफेक्ट्स पाइपलाइन पर गहराई से चर्चा करेंगे। ऑन-सेट प्लानिंग और क्रियान्वयन के रहस्यों के पीछे, वक्ता बाहुबली, आरआरआर और ईगा जैसी वैश्विक ब्लॉकबस्टर फिल्मों के पीछे का दिमाग है। यह सत्र भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों पर उद्योग के 25 से अधिक वर्षों के अनुभव से सीखेगा।

November 27th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

उत्तर-पूर्व की नई लहर : फिल्म स्कूलों से उभरते प्रतिष्ठित उत्तर के फिल्मकार

यह विषय भारतीय फिल्म स्कूलों से उभरते नई पीढ़ी के फिल्मकारों, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व क्षेत्र के निर्देशकों के उदय का विश्लेषण करता है। चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि ये संस्थान किस तरह से नई आवाज़ों और अनोखी कथाओं के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं, और इन निर्देशकों का भारतीय सिनेमा पर क्या प्रभाव पड़ा है।

November 27th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

सोल्जर' की वापसी : एक स्ट्रीमिंग वृत्तांत

ओटीटी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अभिनेता बॉबी देओल के प्रवेश से उनके पुनरुत्थान पर इस बातचीत सत्र का ध्यान केंद्रित होगा। यह चर्चा इस बात का आलोचनात्मक विश्लेषण करती है कि कैसे बरसात और सोल्जर जैसी फिल्मों से प्रशंसित ओटीटी सीरीज़, क्लास ऑफ़ '83 और आश्रम में बदलाव ने श्री देओल को विविध और जटिल भूमिकाओं के साथ प्रयोग करने का अवसर प्रदान किया। इस कदम ने प्रभावी रूप से साबित कर दिया कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा उनकी रोमांटिक हीरो की छवि से कहीं आगे तक फैली हुई है। यह विषय इन प्लेटफॉर्म्स पर उनके द्वारा निभाए गए सूक्ष्म, चुनौतीपूर्ण किरदारों के सम्मोहक चित्रण के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, यह दर्शाता है कि कैसे उन्होंने पारंपरिक बॉलीवुड के आदर्शों को सफलतापूर्वक चुनौती दी है और डिजिटल युग में एक बहुमुखी चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी सिनेमाई पहचान को फिर से परिभाषित किया है।

November 27th, 2025

2:30 PM

4:00 PM

शोले के 50 साल: 'शोले' आज भी क्यों गूंजता है?

भारतीय सिनेमा को नई परिभाषा देने वाली प्रतिष्ठित फिल्म, शोले के 50 साल पूरे होने का जश्न! यह सत्र फिल्म के अमिट जादू, इसकी सिनेमाई तकनीकों, अविस्मरणीय पात्रों और संवादों की पड़ताल करता है जो कभी हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और आज भी गूंजते हैं। इस बातचीत में चर्चा की जाएगी कि कैसे दोस्ती, बदला और न्याय जैसे शोले के कालातीत विषय पीढ़ी दर पीढ़ी दर्शकों को आकर्षित करते रहे हैं और इसे एक 'क्लासिक' के रूप में स्थापित करते रहे हैं।

November 21st, 2025

2:30 PM

4:00 PM

द ल्यूमिनरी आइकॉन्स: रचनात्मक बंधन और ज़बरदस्त अभिनय - अभिनय पर एक संवादात्मक कार्यशाला

दो प्रतिष्ठित कलाकार, खुशबू सुंदर और सुहासिनी मणिरत्नम, प्रभावशाली अभिनय के लिए आवश्यक रचनात्मक केमिस्ट्री और तीव्रता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अभिनय की सूक्ष्म गतिशीलता की खोज करते हुए, अपने पेशेवर ज्ञान को साझा करेंगी। यह सत्र सिनेमाई उत्कृष्टता के पीछे छिपे अनकहे बंधनों और प्रबल प्रतिबद्धता पर गहराई से चर्चा करेगा। यह महत्वाकांक्षी कलाकारों को सिनेमा में अपने सफ़र और अनुभवों पर चर्चा करते हुए अनुभवी अभिनेताओं की तकनीकों और सहयोगात्मक भावना पर एक अमूल्य नज़र डालने का अवसर प्रदान करता है।

November 22nd, 2025

2:30 PM

4:00 PM

'यूरेशियन फेस्टिवल फ्रंटियर : "क्या हमें ए.आई. की दुनिया में सिनेमा को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता है?", सुश्री ट्रिशिया टटल (फेस्टिवल डायरेक्टर बर्लिनेल ) एवं श्री शेखर कपूर (फेस्टिवल डायरेक्टर इफ्फी ) के बीच एक संवाद सत्र

इस अंतर्राष्ट्रीय संवाद में दुनिया के सबसे प्रभावशाली फिल्म समारोहों की हस्तियों के रचनात्मक दृष्टिकोणों का संगम होगा: बर्लिनले की महोत्सव निदेशक सुश्री ट्रिशिया टटल और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के महोत्सव निदेशक फिल्म निर्माता श्री शेखर कपूर। इस चर्चा में फिल्म निर्माण, कहानी कहने, वितरण और तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में फिल्म समारोहों के भविष्य पर एआई के प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।

November 22nd, 2025

4:30 PM

6:00 PM

श्वास एवं भावना : रंगमंच गुरु श्री विनयकुमार आदिशक्ति द्वारा प्रस्तुतियों पर एक मास्टरक्लास

गुरु वीणापाणि चावला और विनयकुमार के मार्गदर्शन में, आदिशक्ति ने भावनाओं और मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति को उत्तेजित करने के लिए एक विशुद्ध भौतिक कला विकसित की है। चूँकि श्वास विचार और भावना की भौतिक अभिव्यक्ति है, इसका तात्पर्य यह है कि प्रत्येक भावना मानव शरीर में श्वास के कुछ विशिष्ट पैटर्न द्वारा नियंत्रित होती है। आयुर्वेदिक प्रथाओं से लेकर कूडियाट्टम प्रदर्शनों तक, तंत्रिका जीव विज्ञान से लेकर गणित तक, सर्कैडियन घड़ी से लेकर अंतरिक्ष और समय तक जैसी प्राचीन ज्ञान प्रणालियों से प्रेरित होकर, इस सत्र का उद्देश्य जीवन और प्रदर्शनों में मानवीय भावनाओं की शारीरिक रचना से परिचित कराना है।

November 23rd, 2025

4:30 PM

6:00 PM

लता मंगेशकर स्मृति वार्ता: भारत की लय: हिमालय से दक्कन तक

यह सत्र भारत कोकिला, लता मंगेशकर को एक भावपूर्ण वार्षिक श्रद्धांजलि है। इस वर्ष का सत्र विशाल भारद्वाज और बी. अजनीश लोकनाथ के बीच एक अंतर-सांस्कृतिक संगीत संवाद है, जो भारत के विशाल संगीत परिदृश्य की खोज करता है। हिमालय से दक्कन तक फैले हिंदुस्तानी, कर्नाटक, लोक, पॉप और भारतीय संगीत के प्रभावों को आत्मसात करते हुए, ये प्रसिद्ध संगीतकार 'ठीक नहीं लगता' से 'कंतारा' तक के अपने सफ़र के ज़रिए संगीत की भावपूर्ण एकरूपता को समझाते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

November 23rd, 2025

11:30 AM

1:00 PM

हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है !

यह मास्टरक्लास व्यक्तिगत अनुभव और भावनात्मक सत्य का उपयोग करके प्रामाणिक और प्रभावशाली ऑन-स्क्रीन प्रदर्शन बनाने की प्रक्रिया पर केंद्रित है। इसमें आवाज़, शारीरिक भाषा और सीन वर्क पर व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं, जिससे अभिनय की अनुशासनात्मक कला और फिल्म की आवश्यकताओं के बीच सेतु स्थापित किया  जा सके।

November 23rd, 2025

2:30 PM

4:00 PM

स्वतंत्र सिनेमा के माध्यम से एक वैश्विक भारत : एक महिला पैनल

यह पैनल समकालीन वैश्विक सिनेमा, विशेष रूप से स्वतंत्र फिल्म उद्योग में महिलाओं की अभिन्न और विकासशील भूमिकाओं पर चर्चा करता है। यह चर्चा महिला फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं और तकनीशियनों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण विषयगत और रचनात्मक योगदान पर प्रकाश डालती है। स्वतंत्र सिनेमा का विश्लेषण करके, यह पैनल दर्शाता है कि कैसे महिलाएँ पारंपरिक प्रस्तुतियों से आगे बढ़कर, अधिक सूक्ष्म, विविध और वैश्विक रूप से गूंजने वाले आख्यानों को सक्रिय रूप से आकार दे रही हैं।

November 24th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

मस्तिष्क से पर्दे तक : दृष्टि से निष्पादन तक - संपादन कार्यशाला

यह कार्यशाला पोस्ट-प्रोडक्शन की कला और तकनीकी प्रक्रिया में गहराई से उतरती है, यह बताती है कि निर्देशक की कच्ची दृष्टि को एक परिष्कृत और प्रभावशाली अंतिम कट में कैसे बदला जाए। यह सत्र सॉफ़्टवेयर के तकनीकी कौशल के साथ-साथ दृश्य कहानी कहने के रचनात्मक सिद्धांतों — गति, लय और भावनात्मक प्रवाह — पर केंद्रित है।

November 25th, 2025

2:30 PM

4:00 PM

लेंस के माध्यम से : हर फ्रेम में भावना गढ़ना

यह सत्र कैमरे के संचालन की तकनीकीताओं को समझकर दृश्य प्रभाव को बढ़ाने की कला को समर्पित है। इसमें बताया गया है कि सिनेमैटोग्राफर प्रकाश, रंग, रचना और लेंस चयन जैसे मूल दृश्य तत्वों का उपयोग करके भावनाओं को कैसे आकार देते हैं। प्रतिभागी सीखेंगे कि हर फ्रेम को कथा उपकरण के रूप में कैसे उपयोग किया जाए ताकि फिल्म का मूड, पात्र की दृष्टि और विषयगत संदेश प्रभावी रूप से प्रस्तुत हो सके।

November 25th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

एल्गोरिथ्म से परे : ए.आई. की दुनिया में सिनेमा का मानवीय हृदय

फिल्म निर्माण के भविष्य में एआई बनाम मानवीय भावना और रचनात्मकता की भूमिका इस सत्र का उद्देश्य होगी। यह इस बात पर गहराई से विचार करेगा कि सिनेमा की मूल मानवता, एल्गोरिथ्म आधारित सामग्री स्वचालन का कैसे विरोध करती है। तेजी से ए.आई.-संचालित मीडिया परिदृश्य में कहानीकारों के लिए चुनौतियों और अवसरों को जानने के लिए साक्षत्कार सत्र में शामिल हों, तकनीकी बदलावों के बावजूद सिनेमा की आत्मा को संरक्षित करने पर चर्चा।

November 26th, 2025

2:30 PM

4:00 PM

कॉस्ट्यूम और कैरेक्टर आर्क : सिनेमा के ट्रेंडसेटर्स

यह चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि कॉस्ट्यूम डिज़ाइन कैसे किसी पात्र की भौतिक और भावनात्मक दुनिया को बनाता है और कहानी में उसके परिवर्तन को दर्शाता है। इसमें यह विश्लेषण किया गया है कि डिज़ाइनर किस तरह सोच-समझकर चयन करते हैं जिससे कहानी कहने की शक्ति बढ़ती है।

November 26th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

अँगूठे से आगे : फिल्म समीक्षक की भूमिका – गेटकीपर, प्रभावशाली या कुछ और?

यह चर्चा इस बात की पड़ताल करती है कि त्वरित समीक्षाओं और यूज़र जनरेटेड सामग्री के इस युग में एक फिल्म समीक्षक की वास्तविक भूमिका क्या है। क्या वह अब भी गुणवत्ता के संरक्षक हैं, या केवल प्रभावशाली व्यक्ति जो दर्शकों की राय को दिशा देते हैं, या उनका मूल्य किसी और रूप में है? यह चर्चा समीक्षक की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करती है, दर्शकों की गहन भागीदारी और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

November 26th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

संपूर्ण वीएफएक्स प्रोडक्शन की विशालता - वीएफएक्स के जादूगर पीट ड्रेपर द्वारा एक मास्टरक्लास!

वीएफएक्स के उस्ताद पीट ड्रेपर प्री-प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट-प्रोडक्शन तक, पूरे विजुअल इफेक्ट्स पाइपलाइन पर गहराई से चर्चा करेंगे। ऑन-सेट प्लानिंग और क्रियान्वयन के रहस्यों के पीछे, वक्ता बाहुबली, आरआरआर और ईगा जैसी वैश्विक ब्लॉकबस्टर फिल्मों के पीछे का दिमाग है। यह सत्र भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों पर उद्योग के 25 से अधिक वर्षों के अनुभव से सीखेगा।

November 27th, 2025

11:30 AM

1:00 PM

उत्तर-पूर्व की नई लहर : फिल्म स्कूलों से उभरते प्रतिष्ठित उत्तर के फिल्मकार

यह विषय भारतीय फिल्म स्कूलों से उभरते नई पीढ़ी के फिल्मकारों, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व क्षेत्र के निर्देशकों के उदय का विश्लेषण करता है। चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि ये संस्थान किस तरह से नई आवाज़ों और अनोखी कथाओं के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं, और इन निर्देशकों का भारतीय सिनेमा पर क्या प्रभाव पड़ा है।

November 27th, 2025

4:30 PM

6:00 PM

सोल्जर' की वापसी : एक स्ट्रीमिंग वृत्तांत

ओटीटी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अभिनेता बॉबी देओल के प्रवेश से उनके पुनरुत्थान पर इस बातचीत सत्र का ध्यान केंद्रित होगा। यह चर्चा इस बात का आलोचनात्मक विश्लेषण करती है कि कैसे बरसात और सोल्जर जैसी फिल्मों से प्रशंसित ओटीटी सीरीज़, क्लास ऑफ़ '83 और आश्रम में बदलाव ने श्री देओल को विविध और जटिल भूमिकाओं के साथ प्रयोग करने का अवसर प्रदान किया। इस कदम ने प्रभावी रूप से साबित कर दिया कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा उनकी रोमांटिक हीरो की छवि से कहीं आगे तक फैली हुई है। यह विषय इन प्लेटफॉर्म्स पर उनके द्वारा निभाए गए सूक्ष्म, चुनौतीपूर्ण किरदारों के सम्मोहक चित्रण के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, यह दर्शाता है कि कैसे उन्होंने पारंपरिक बॉलीवुड के आदर्शों को सफलतापूर्वक चुनौती दी है और डिजिटल युग में एक बहुमुखी चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी सिनेमाई पहचान को फिर से परिभाषित किया है।

November 27th, 2025

2:30 PM

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शोले के 50 साल: 'शोले' आज भी क्यों गूंजता है?

भारतीय सिनेमा को नई परिभाषा देने वाली प्रतिष्ठित फिल्म, शोले के 50 साल पूरे होने का जश्न! यह सत्र फिल्म के अमिट जादू, इसकी सिनेमाई तकनीकों, अविस्मरणीय पात्रों और संवादों की पड़ताल करता है जो कभी हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और आज भी गूंजते हैं। इस बातचीत में चर्चा की जाएगी कि कैसे दोस्ती, बदला और न्याय जैसे शोले के कालातीत विषय पीढ़ी दर पीढ़ी दर्शकों को आकर्षित करते रहे हैं और इसे एक 'क्लासिक' के रूप में स्थापित करते रहे हैं।